Tuesday, July 7, 2020

अखाडी chiranjiv bisen 17

         अखाडी
अखाडी आय हिन्दु धर्म ना
पोवार समाज को एक त्योहार, 
चातुर्मास क् सुरुवात को 
अखाडी आय पहिलो त्योहार. 

भज्या, बुल्ल्या, कुसुम बनाया 
 जासेती अखाडी क् त्योहार मा. 
धोबी, भाली, कोतवाल इनला 
पकवान देये जासे येन त्योहार मा. 
पोवार ईन मा नविन बहुला 
आन्यो जासे ससुराल मा, 
बहुक् हातल् मातामाय की 
पूजा कराई जासे ससुराल मा. 

आषाढ महीना क् पौर्णिमाला 
आवसे अखाडी येव त्योहार, 
आषाढ ल् अखाड वोक् परल् 
अखाडी कहे जासे येव त्योहार. 

आषाढ पौर्णिमा लाच 
गुरूपौर्णिमा कहेव जासे, 
गुरू की पूजा शिष्य द्वारा 
येन दिवस करी जासे. 

वेद व्यास को जन्म भयेव 
होतो आषाढी पौर्णिमाला, 
मून व्यास पौर्णिमा बी 
कहे जासे येन त्योहारला. 

गौतम बुद्ध न् येन दिवस 
देई होतीस पहलो उपदेश, 
बौद्ध धर्म क् ग्रंथ ईनमा 
लिखी से असो संदेश. 

             रचना - चिरंजीव बिसेन 
       परमात्मा एक नगर, गोंदिया.

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...