हिंदु पंचाग को पाचवो महिना आय सावन।
येन महिना मा प्रकृति दिससे मनभावन।
चारही बाजूला रव्हसे हरियाली की छावन।
पानी की धार बरससे गंगाजल समान पावन।
सब महिना ईनला श्रेष्ठ महिना से सावन।
शंकरजी की पूजा अर्चना करनो महिना सावन।
हिंदु धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार होसेती सावनमा।
जीवती,नागपंचमी,रक्षाबंधन होसेती सावनमा।
सबदून जादा हिंदी गीत सेती सावनपर।
सावन का महिना, सावन के झूलोंने सावनपर।
खेती बाडी को काम बी क-यो जासे सावनमा।
कही कही अतिवृष्टि ल् नुकसान बी होसे सावनमा।
बहू बयदी भी ससुराल मा रव्हसेती सावनमा।
कमावने वाला लोग बी घर आवसेती सावनमा।
सावन क् पानी मुळच् होसे,
फसल ना पानी की समस्या हल।
सावन क् बरसेव लकाच् किसान,
पावसेत मेहनत को फल।
रचना - चिरंजीव बिसेन
परमात्मा एक नगर, गोंदिया.
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