भयेपरा या अखाडी,
आव जीवती को सण
यन जीवती पासून
चालु होसे सरावण।। १।।
सरावण महिना मा
सण त्यौहार को मान
हिंदु संस्कृती न्यारी
कवो आरती भजन।। २।।
भजन को ताल सूर
भक्ती भावला उधाण
माय धरती आयक् से
हिवरो शालु नेसकन।। ३।।
आव पानीको शिरवा
घडी भरमा तपन
लपालुपी बी चलसे
असो महिना सरावण।। ४।।
कास्तकार खुस होसे
जसो लग सरावण
कसो लहऱ्या मारसे
वको बांदीमाको धान।। ५।।
हासी खुशी को महिना
चलो पक्को करो मन
सब मिलकन गावो
पोवारीका गुणगान। ६।।
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✍ डॉ. शेखराम परसराम येळेकर १९/७/२०२०
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