मास मां पुण्यमास सरावन् खास
न्यारो वको थाट करो जी उपवास
भक्तिभावपर्व चित्तसुद्धी अभ्यास
धुनो पाप दुर्व्यवहार को कयास
बरसात बादल गर्जन् को या मास
शिवजी ला पसंद भुल जावो त्रास
सन् त्योहार को मास बाजसे टार्
सेंदूर बुक्कालक् सजसे येव कपार्
राखी जन्माष्टमी पंचमी या सन्
देवदिकादी का भक्त जाती शरन्
किसान् कष्टकरी होसेती व्यस्त
कष्टसंग भक्ती लका होसेती श्रेष्ठ
जितन् उतन् हिरवाई मनमां उल्लास
मन रमणीय होसे दुख होसे खल्लास
बेलपाती नारेन् बुक्का सेंदूर चढसे
शिवसंभूला जन मनभाव ओवारसे
असो सरावन् मास येको न्याय खास
बारीसपानी आनसे चेहरोपरा उल्लास
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✍️रणदीप बिसने
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