Monday, July 13, 2020

नवीन पिढी D P Rahangdale 01


                    नविन पिढ़ी
                    
एक गावमा रघु नावको एक मुशाफिर आयेव, 
आखरपरा काही टुरा खेलत होता रघु न एक 
टुराला हाकलीस तब ....................
रघु :- अरे बापु इतन त आव, ओन्ज्या का करसेव?
टुरा:-{ धावत रघु जवऴ आयशान } अंधरा सेव का
       दिस  नही आमी खेल सेजन त.
रघु :- बापरेबाप तु कोण को टुरा आस त?
टुरा :- आपल मायको.............बापको काहे नही?
        .............मोला जनम देईस वा माय ना ओंन     
         जेको नाव  सांगीस ऊ बाप मणुनच पयले
          मायको नाव.
रघु :- मोला आपल घर लिजाजो का?
टुरा :- नही,मी तुमरो वजन नही धर सकु तुमला 
         आपल पायलकाच चलनो पऴे. 
रघु :- तुमरो घर कांहा से त.
टुरा :- मंदिर क सामने...... ना मंदिर.? ...... 
         ऊ आमर घरक सामने च से.
रघु:- एव रस्ता तुमर घर ला जासेका?
टुरा :- नही, रस्ता जाहां को वाहाच रव्हसे, आपलो 
        लाच जानो पऴसे.
रघु :- तुमर घर केतीक भसी सेती, वय केतोक दुध      
         देसेती?
टुरा :- पाच सय भसी सेती, पर वय दुध देत नही, 
         दुध आपलो लाच काहाऴनो पऴसे , 
         बहयाऴा कहींको.
रघु :- हं हं ज़ास्त नोको सांगुस, उर्मट च से बापा.
                        
डी पी राहांगडाले
     गोंदिया
9089216540                     

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