फुपा ना भजी
भजी :- फुपाबाई फुपाबाई, काहां चलीस घाई घाई,
जरा उभी त रव.
फुपा:- भजो मोरो होय नवरदेव, कव मोरी बात
खयाल मा ठेव,दुय दिवस पयले
आवजो कव,मणुन जावुन कसु.
भजी :- बीहया त चार दिवस बादमा से येतरी जलदी
कायकी सेत?
फुपा :- मोला भी मालुम से, पर भाई साठी पच्या
की घऴी ना भोवजी साठी जरीकी साऴी
लेवुन कसु.
भजी :- मोला भी बिहया ला जानो से पर कोरोना
से ना लगीन लगावन क बेरापरच जावुन
कसु.
फुपा:-तोरोत ठीक से बाई, कोरोना रव नही फोरोना
रव, पर पयले काकन बांधनला जानो पऴेना.
भजी:- तोर संग मी भी आयजावुन तबत तु काकन
बांधजो ना मी गाना गावुन..............
चलवो चलवो फुपाबाई काकन बेरा भई
फुपा :- काकन क बादमा अहेर भी होयती ओको
गाना भी कवनो पऴे,
भजी:- कहुनना.......
तराक पारपर झाल-या आंबा,ओका कोवरा पाना,
भाईकी बहीन डोमनबाई, चल बाई मंजुना राती,
नही आवु नही आऊ मंजुना राती,
आवुन दिवक जोती,हातमा धरुन पच्या की घऴी
तोर मांडोमा शोभा दिसे भारी.
फुपा:- चांगलो से बाई. आपुन दुही जनी संगज
जाबीन. बिहया मा ज़ास्त लोक नही
पाहीजे काहेकी कोरोनाको भेव लगसे.
लाहान टुरुपोटु ना बुऴगा इनला लवकर
दऴपसे खरा.
भजी :- ओक साठी उपाय भी सेना.
बिहया मा पाच पन्नास च पाहीजे बराती
ज़ास्त नोको बुलावो नहीत होयत घाती।।
संगमा ठेवो मास्क नाकतोंड झाकन साती
सुरक्षित अंतर ठेवो कोरोना से भारी अती।।
कोरोना पासुन सबला मिल जाए मुक्ती
पार पऴे बिहया ना मण ला मिले शांती।।
डी पी राहांगडाले
गोंदिया
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