Monday, July 27, 2020

समजदारी y c chaudhary 03


           समजदारी
(राधको प्रवेश हातमाको झाड़ू जमीनपर फेकत बससे)
राधा- मरगयी वो माय ,योव टोंगराको दुखनो  काही कमी नही होय. कायकी दवाई देसेती डाँक्टर बध्या .रती भरको फायदा नाहाय.

श्रीधर-काजक भयोव तवो ,काहे तोंड बजावसेस.

राधा-आता डाँक्टर बदबिन कसू, येन डाँक्टरकं हतमा बिमारी नही भेटी.तसोच दुखसे मोरो टोंगरा.

श्रीधर-आता डाँक्टर काजक करे तवो.प्राणायाम सांगी होतिस  ना .सकारी सुर्य प्रकाशमा बसजो कव.त तू... बससेसका कसू मी.

राधा-आता बस हद भय गयी तुम्हरी.डाँक्टर को नाव लेयव का काराका पिवरा होसेव.

श्रीधर-आताका डाँक्टरला प्राणायाम ना आसन की गोली देये. .एक एक गोली खात जाजो ना प्राणायाम भयोव कवजो.दुसरी गोलीमा लोमविलोम.सुर्य खाटपरा निगसे.

राधा-का कयात.गोलिभी मांगती परं , काजक करू भेटतं नही. ना सकारी झोप नही खुलं .

श्रीधर -कशी खुले ,मंग डी विट्यामिन कसी भेटे कसू मी.

राधा -तुम्हला कासे ,सकारी उठेव का योव एकच काम. नाक दाबनको .पडे़ काड़ीला हात नही लगावो.काही कयीस त मीरची झोंमसे.

श्रीधर-वारे वा !एक से कामवाली ,अखीन दुसरी ठेवना .पर तोंड नोको बजावू.चल तयारी कर ,आपलोला कासे तू कवजो वू डाँक्टर ,पर डाँक्टर सांगे तसो करजो का ?
राधा-चलोत सही.
(आपली तयारी करसेती दवाखाना जासेती)

वाय सी.चौधरी
गोंदिया

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...