Friday, July 10, 2020

नवरा को महत्व D.P. Ranangdale

नवरा को महत्व 

नवरा मनजे काय गरोको हार।
सुखको संसार, नवरा लका ।। १।।

भांगोभांग कुकु नवरा की निशानी।
जसा राजा राणी, नांदसेती।। २।।

कपार को कुकु  बाई को गहनो।
पती देव मानो, बहीणी मोरी।। ३।।

देव, पतीदेव, नवरदेव तिन।
तिनहीका गुण, एक जानो।। ४।।

पतीदेव आय घरकी राखन।
घर की बऴे शान, नवरालका।। ५।।

बायको याच माय ना बहीन भी आय।
सेवा करत रहे, नवराकी।। ६।।

नवरा बायको दुही संसार का च क्का।
संसार चले बाका, किरती होय।। ७।।

दुय मालक एक कमजोर पऴेव।
गाऴो गा मुऴेव संसार को।। ८।।

एकमेकला कमी नोको लेखो कोणी।
एतरी से विनवणी, चरनमा।। ९।।

डी पी राहांगडाले
   गोंदिया

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