अखाडी
आयेव अखाडी को सण, करो सडा सारवण
करो भज्या बडा पुरी, माता मायको जेवण
कडुलिंब झाड खाल्या, माता मायको वावर
माता माय देये सबला, सुख समृद्धी को वर
नवी नवरी बाईला, अखाडीको मोठा सण
माता मायला पुजसे, लगे जींदगीको ध्यान
करत होता यन् दिस, आमी पाटी को पुजन
वर भेट् गुरुजी को, बनो तुमी भाग्यवान
पाटी पर खडुलका, रव आेमको आकार
पाटी पर बेल फुल, पाटी भविष्य आधार
असो अखाडी को सण, तेलरांदाला उधान
माता माय ना गुरूला, चलो करबी नमन
डॉ. शेखराम परसराम येळेकर
५/७/२०२०
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