रक्षाबंधन
सावन को महिना मा,
रिमझिम बारिश की फुहार,
देखो रक्षाबंधन को आयो,
पावन त्योहार।।
भाई को लंबी दुवा को,
त्योहार से राखी,
भाई करे बहीन की रक्षा,
वादा से बाकी।।
कच्चो धागा की,
पक्की डोर से राखी,
हर घर मा खुशी को,
उपहार से बाकी।।
लड़नो, झगड़नो,मनावनो,
भाई-बहिन को प्यार,
भाई-बहिन को प्यार ला,
बढ़ावन आवसे राखी को त्योहार।।
दुआ मांगसे हर बहिन,
हर साल आये राखी,
कलाई पर रेशम को धागा की,
मी बांधु राखी।।
बचपन की याद को,
चित्रहार से राखी,
रिश्ता मा मिठास को,
अहेसास से बाकी।।
तोड्यो लक भी नहीं तुट,
जो मन को बंधन,
वोन बंधन ला,
दुनिया कसे रक्षाबंधन।।
कु. कल्याणी पटले
दिघोरी, नागपुर
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