🙏 *गणपतीकी पोवारीमा आरती*🙏
आरती गणपती, करू तोरी पुजापाती
नमुसु मी देवा तोला, देवा पाव भक्तसाती
आरती गणपती।। धृ।।
अजी तोरो कैलासपती, माय तोरी पारबती
कैलास तोरो धाम, देवा देजो सुखशांती
आरती गणपती।। १।।
विघ्नहर्ता तुच देव, अरपुसु भक्ती भाव
विघ्न दूर कर देवा, बाप्पा बन मोरो साथी
आरती गणपती।। २।।
देवा तुच लंबोदर, सेस सुखको सागर
करू तोरी आराधना, देवा करु तोरी भक्ती
आरती गणपती।। ३।।
एकदंत दयावंत, तुच संसासको संत
रस्ता असो देखाव मोला, देवा बढे मोरी किर्ती
आरती गणपती।। ४।।
रक्षा कर देवा मोरी, पूजाअर्चा करु तोरी
आनु देवा तोर् साती, दुर्वा फुल बेलपाती
आरती गणपती।। ५।।
सुखकर्ता दुखहर्ता, अशी देवा तोरी ख्याती
कृपादृष्टी ठेव देवा, धाव धाव भक्त साती
आरती गणपती।। ६।।
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✍ डॉ. शेखराम परसराम येळेकर नागपूर२२/८/२०२०
पोवारी इतिहास, साहित्य ना उत्कर्ष
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