Thursday, August 13, 2020

गवळण sharda chaudhary 23



                  गवळण

गवळण चली मथुराला गवळण चली मथुराला
दहीदूध धरकर डोईपर 
गा गवळण चली मथुराला गवळण चली मथुराला ll धृ ll

नटखट सावरो कृष्ण मुरारी
अडावसे मोला भर रस्तापरी
छोड दे कलाई रे मनमोहन तंग नोको करू मोला ll1ll

ग्वाल-बाल सखा सोबती
गोफण मारस्यानी मटकी फोडं सेती
का सांगू बहाणा घरपर मी मोरो नणंद सासूला ll2ll

बरसांना की मी राधा गवळण
फुसलावू नोको डोरा मारकन
तोरो मुरली को धून नं कर देईस बावरी मोला ll3ll

कोयल वानी मधुर बासरी को स्वर
रास रची से जमुना तट पर
रंग नोको झोकू भिजेव अंग जान दे नंदलाला ll4ll

छम छम बजसेती मोरी पैंजनिया
छोडकर मुरली संग नाचसे कन्हैया
जग मा अद्भुत अनोखी से तोरी प्रेम की लीला ll5ll

मैय्या यशोदा जवर करून तक्रार
थकी वा भी तोला समजायस्यार
अंत नोको देखू छोड पदर बेरा होये आवनला ll6ll

                                              शारदा चौधरी 
                                                  भंडारा

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