गवळण
गवळण चली मथुराला गवळण चली मथुराला
दहीदूध धरकर डोईपर
गा गवळण चली मथुराला गवळण चली मथुराला ll धृ ll
नटखट सावरो कृष्ण मुरारी
अडावसे मोला भर रस्तापरी
छोड दे कलाई रे मनमोहन तंग नोको करू मोला ll1ll
ग्वाल-बाल सखा सोबती
गोफण मारस्यानी मटकी फोडं सेती
का सांगू बहाणा घरपर मी मोरो नणंद सासूला ll2ll
बरसांना की मी राधा गवळण
फुसलावू नोको डोरा मारकन
तोरो मुरली को धून नं कर देईस बावरी मोला ll3ll
कोयल वानी मधुर बासरी को स्वर
रास रची से जमुना तट पर
रंग नोको झोकू भिजेव अंग जान दे नंदलाला ll4ll
छम छम बजसेती मोरी पैंजनिया
छोडकर मुरली संग नाचसे कन्हैया
जग मा अद्भुत अनोखी से तोरी प्रेम की लीला ll5ll
मैय्या यशोदा जवर करून तक्रार
थकी वा भी तोला समजायस्यार
अंत नोको देखू छोड पदर बेरा होये आवनला ll6ll
शारदा चौधरी
भंडारा
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