Tuesday, October 6, 2020

परी मोरो आंगन की Dr pralhad harinkhede 06



परी मोरो आंगणकी

(चाल: हिरव्या पिवळ्या रांगोळ्या भरल्या गुलाली)

टुणटूण उळात आयी एक परी
चमकदार कपळा ला चांदी की जरी
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥धृ॥

शानीमाय मोला सांगं कहानी
निखन वान्हाव्ं वा परी राणी
हुबेहूब परी आयी मोरो सपन मा-२
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥१॥

वोको हातमा जादू की छडी
वोको मुकुटला सोनो की धडी 
तारा बिखराव्ंसे वातावरणमा-२
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥२॥

वोका गुलाबी नाजुक गाल 
अना चमचमता रेशमी बाल
सुंदर सी खडी पडं से गालन मा-२
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥३॥

शहद फलरस अना मकरंद
वोला आवडं से फूलको सुगंध
हिरा मोतियन की माला गर्दनमा-२
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥४॥

परी राणी की छरहरी काया
गोल आकासी पंख लगाया
टुणटूण फिपली चलिसे गगनमा-२
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥५॥

वोको पेहराव निलो नारंगी
मोती जड्या सेत रंगीबेरंगी 
संगीतमय मुस्कान वोको आननमा-२
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥६॥

चांद तारापर वोको परिवार
फूल बाग मा वोको विहार
सुखको नाहाय कोनी वान जीवनमा-२
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥७॥

वोको आवनो लक फैलं रोशनी 
मनला मोहने वाली मोहिनी
खिनमा यहां अना वहां से खिनमा-२
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥८॥

मोला लगंसे चारो प्रहरी
संगं रवती या सुंदर परी
परी बनाव प्रभू अगलो जनममा-२
आयी हासत-२ परी मोरो आंगनमा
मोरो आनंद मावं नही मनमा ॥९॥

प्रा. डॉ. प्रल्हाद रघुनाथ हरिणखेडे (प्रहरी)
उलवे, नवी मुंबई
मो. 9869993907

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