माय वत्सला, बाबुजी श्यामराव
पती चंद्रशेखर सर
नाव शारदा ,छंद से वाचन
लेखन तुमरो भरभर।।
पंचायत समिती मोहाडीमा
विषयत्ज्ञ पदपरा
माय पोवारी, प्रितच भारी
बागमा् पोवारी झरा।।
बाच्या आमी, तुमरी कविता
अकाळी,व्याकूळ राधा
बेलपाती अना् तिरंगा
मधूर साहित्यसंपदा।।
उच्च शिक्षित सेव तुमी
समाजसाठी से प्रेम
जगावो शिक्षणक्षेत्र तुमी
भाषापरा धरो नेम।।
गुणीजन सेत मोहाडीमा
मीबि होतो दवडीपारमा्
सेती आशीर्वाद मान्यवरका
करो सृजन सुख, भेटे मनमा्।।
शारदामायको नावसे तुमला
करो साहित्य साधना
शिक्षण संस्कृती साथमा् धरबिन
होये पुरी कामना।।
पालिकचंद बिसने स.शि.
सिंदीपार(लाखनी)
सौ.शारदा चौधरी /राहांगडाले
टुरी अशी जन्म । पोवारीकी नाक।
तिन्ही लोक धाक। रव्हो ज़सो ।। १।।
माय बाप घर । ठेव शुध्द मन।
पती नारायण । सासु-यामा ।। २।।
अशी एक टुरी । नाव बाई शारदा।
पोवारीको हिरदा। वास रव्ह।। ३।।
अजी शामरावजी। वत्सला बाई माय।
मंग भार्या आय । चंद्रशेखरजीकी।।४।।
चौधरी की बेटी। राहांगडाले भयीं।
कूळ उध्दार दुही। भय गया ।। ५।।
लहानपन पासून। पोवारी को छंद।
भेटसे आनंद । पोवारी मा।। ६।।
पोवारी मा काव्य। पोवारी लेख ही।
लिख लवलाही। पोवारी मा ।। ७।।
पोवारीच ध्यानी । पोवारीच मनी।
पोवारीच जनी । सांग बाप्पा ।। ८।।
असोच चलओ ।पोवारीको तीर।
हात डोईपर । कालीका को ।। ९।।
डी पी राहांगडाले
गोंदिया
शारदा चौधरी रहांगडाले
शारदा को कसो करू बखान
अामरो समूह की बाई से शान।
सरस्वतीन देइस वोला वरदान
बढ़ाइस पोवारी बोली को मान।।
बेलाटी गांव बोवसे भक्तीकी धार
जन्म भयेव, मायको वत्सला नाव।
संस्कारमा पली, माय बाप की माया
केंद्र प्रमुख होता बाबुजी शामराव।।
नक्षत्र वाणी बढिं टूरी दिवसरात
चंद्रशेखर भरतार जीवको आधार।
फुल बेलपरा *प्रीत* ओकों नाव
विषयतज्ञ दीदी लेखनिमा से धार।।
सोनो को अलंकार शोभ सेती कान
गरोमा मंगळसूत्र सौभाग्य की खान।
दुही नेत्रमा झलकसे पोवारी की शान
माय बोली को दिदीला बड़ो अभिमान।।
कविता, कहाणी लिखसे भरधाव
सजावसे उणला जसी पोवारी नार।
कसे मी पोवारी बोली की वारकरी
नही भुलनको समाज तोरो उपकार।।
सौ छाया सुरेंद्र पारधी
श्रीमती सौ.शारदा चौधरी
माँ वाग्देवी की कृपा
शारदा बाई धन्यवान
वा पोवार की शान
से माँ गड़काली को वरदान
चौधरी घरको दिवो
देसे राहांगडाले घर प्रकाश
कर्मरथी या माई
करत गई विकास
माय बाप की लाडली
चंद्रशेखर सर को अर्ध रुप
दुय घरं प्रकाश देसे
जीवन अविरत चलतो तप
विषय तज्ञ इतिहास,मराठी
घर की से अर्थतज्ञ
पोवारी, हिंदी, मराठी
साहित्यिक भाषातज्ज्ञ
भात की कोठार मा
शारदाबाई को ज्ञानभंडार
वोको हातमाकी लेखनी
करसे भाषा को शृंगार
कवयित्री शारदाबाई
ज्ञानगंगा की भागिरथी
मायबोली को उत्थानसाठी
बनी शब्द रथ की सारथी
स्त्री जन्म तपस्वी
संघर्ष से ओकी गाथा
ज्ञान,सेवा,काम,नाम,
शारदाबाई को ललाटी माथा
कवयत्रि शारदाबाई
तोरा सेती उपकार
असीच ज्ञान साधना ठेव
या माँ भारती की पुकार
शेषराव येळेकर
दि.१५/०४/२१
कवयित्री सौ.शारदाबाई चौधरी
बाई शारदाका । शामराव पिता ।
वत्सला वा माता । गुणवान ।।1।।
बेलाटीमा जन्मी । वा प्रतिभावान
चौधरीको मान । बढ़ाईस ।।2।।
करीस शिक्षण । पोस्ट ग्रेजुएट ।
काममा भी नेट । या शारदा ।।3।।
संजय ना राजू । सेत दुय भाई ।
पुनामा कमाई । करसेत ।।4।।
चंद्रशेखरजी । शिक्षक सद्गुणी ।
भेट्या घरधनी । बाईसाती ।।5।।
बाई भी आमरी । जानकार सुज्ञ ।
से विषय तज्ञ । मराठीमा ।।6।।
कविता लिखनो । पुस्तक बाचनो ।
व्यंजन करनो । छंद ओको ।।7।।
पोवारी, मराठी । हिंदी की कविता ।
ज्ञान की सरिता । लिखसे वा ।।8।।
सन्मान भेटीसे । तिनही भाषामा ।
कयी समुहमा । काव्य साती ।।9।।
बाईकी से इच्छा । पोवारी प्रसार ।
भाषाको प्रचार । सबसाती ।।10।।
बाईकी कविता । कसे गोवर्धन ।
करे संवर्धन । पोवारीको ।।11।।
इंजि. गोवर्धन बिसेन, गोंदिया
मो. 9422832941
दि. 15 एप्रील 2021
नाव तोरो शारदा
काम शिक्षा दान
समाज अना बोलीको
सेवाको वरदान ||१||
संस्कार मायबापका
मनमिळाऊ स्वभाव
पोवारी संस्कारको
लेखनमा प्रभाव ||२||
मराठी हिंदी अना
पोवारीकी जाणकार
साहित्य निर्माण करे
तोरो लेखणीकी धार ||३||
जीवनसंगी ला
लगाये हातभार
समाज धुरा संभाले
संग संग परिवार ||४||
ज्ञान भंडार भरत जाय
याच आमरी सदिच्छा
उज्ज्वल भविष्य साती
मंगलमय शुभेच्छा ||५||
डॉ. प्रल्हाद हरिणखेडे "प्रहरी"
उलवे, नवी मुंबई
मो. ९८६९९९३९०७
पोवारी धुरकरी- शारदाबाई
नाव मां से शारदा
अर्थ बी सरीखोच
शब्द साधक तूमी
पोवार घर तूमरी पोच ||१||
शिक्षण क्षेत्र मां रत
प्रशासन मां मशगूल
घर संसार संभालकन्
बजावसेव् साहित्य बिगूल ||२||
पोवारी की धुरकरी
पोवारी मां से प्राण
रचस्यानी रचना बुहु
पोवारीमां आनिन् जान||३||
पोवारी टुरी बहू माय
इनको से स्वाभिमान
घर संसार मां बी दिसे
पोवारी आन बान स्यान ||४||
विज्ञान क्षेत्र का पती
साहित्य मराठी की तूमी
कसो जुडायात मेळ
टुरा बी सेती तुमरा गुणी ||५||
लिखत रव्हो छापत रव्हो
पोवारी माय को महिमा
फयले समाज जीवनमां
सद्गुणी पोवारी कन्या ||६||
रणदीप बिसने
शारदा चौधरी /रहांगडाले
नाव मा जेको से शारदादेवी,
पोवारी भाषा मा करसे कविता,
माहेर वोको बेलाटी बुजरूक
वत्सला माता ना शामराव पिता.
चौधरी की बेटी, ससुराल रहांगडाले
सालेभाटा मूल गाव, भंडारा निवास,
विषयतज्ज्ञ क् पदपर से आसीन
शिक्षाक्षेत्र मा योगदान से खास.
पोवारी, हिंदी, मराठी साहित्य मासे
विशेष रूची ना सक्रिय योगदान,
भविष्य मा बी होयेत उनक् हातल्
शिक्षा ना साहित्य क्षेत्र मा कार्य महान.
- चिरंजीव बिसेन
गोंदिया
माय-अजी कि पुण्याई
विठ्ठल रूखमाई रूपा
तोरो हातमा बिराजे
लेखणी सद्गुरू कृपा ||
हिंदी, मराठी, पोवारी
साहित्य कि साधिका
ताल-स्वरी गीत गायन
"शारदा " कि तू उपासिका ||
कला,सगुण, बुद्धिलक्
मोरी सखी भयी देखणी
भविष्य कि हार्दिक सुबेच्छा
गगन भरारी लेयं लेखणी |
वंदना कटरे
कवयित्री सौ.शारदा चौधरी
स्त्री या एक महान शक्ती से.आपलो गुण,रुप लका संसार अना संस्कार फुलावसे.कवयित्री सौ.शारदा चौधरी या बेलाटी गाव मा जन्मी एक स्त्री मराठी, हिंदी, पोवारी रचना लिखकन जेकी फक्त बेलाटी ते भंडारा असी पहचान होती वा आता आपलो साहित्य लका संपूर्ण महाराष्ट्र भर मा आपलो नाव को झेंडा रोवसे.
दुय घरमा प्रकाश देनेवाली एक महिला संपूर्ण समाज ला भी दिशा देखाय सकसे येको उदा.कवयित्री शारदा चौधरी आपलो विषय तज्ञ की सेवा, समाज सेवा अना घर संभालनो असा अनेक काम पुरो जबाबदारी लका पार पाडसे.
उच्च शिक्षीत शारदाबाई मनमिळाऊ ,मितभाषी, कर्मरथी अना सेवाव्रती सेती. घरको वातावरण सुंदर अना शिक्षीत से.उनका पती शिक्षक चंद्रशेखर अना टुरा प्रीत असो सुंदर परिवार से.
झाडीबोली अना माय पोवारी को आचल मा पली फूली कवयित्री शारदाबाई को शब्द ज्ञान प्रगल्भ से प्रमाण भाषा मराठी मा लिखतांना मायबोली को ज्ञान उनको रचना ला अधिक प्रगल्भ बनायकन चमकावसे.
वैनगंगा तटपर रवनेवाली कवयित्री शारदाबाई की रचना माँ गंगा सारखी सुंदर,स्वच्छ, निर्मल बहती सरिता से.दुय कुल को नाव उजागर करने वाली कवयित्री शारदाबाई चौधरी इनला शतशत नमन.
बहती रव सरिता
तुमरो शब्द ज्ञान की
पोवारी की धुरकरी
कृपा रहे भगवान की
शेषराव येळेकर
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