पोवारी इतिहास साहित्य अना उत्कर्ष व्दारा आयोजित
मोरो जिवन परीचय
नाव -यादोराव चिंधुलाल चौधरी
मुळ गाव-डव्वा (पळसगाव)
जन्म तारीख 16/10/1958
श्री समर्थ हायस्कूल दांडेगाव याहाल मुख्याध्यापक पदलं सेवा निवृत्ती दिनांक 31/10/2016
शौक्षणिक माहिती-वर्ग 1ते वर्ग 7 जि .प. पुर्व माध्यामिक शाळा डव्वा .वर्ग 8ते वर्ग 10वी आदिवासी शिव विद्यालय डव्वा,11वी सोसायटी ज्युनिअर कॉलेज साकोली. 12 ना बि. एससी.( जिव)डी.बी.सायन्स काॅलेज गोंदिया याहाल सन1982मा भयोव..लोकमान्य विद्यालय मुंडीपार मा मास्तर भयोव.
सन1985ला पी पी कॉलेज गोंदिया ल बी .एड . करेव
.श्री समर्थ हायस्कूल दांडेगाव मा मास्तर भयोव.
अॅडीशनल बी ए मराठी वाङमय.एम .ए. प्रथम वर्ष
संगीत विशारद (तबला)गायन ,वादन को छंद.
पोवारी मा कविता लेखन
गीत गंगा काव्य संग्रह.-प्रकाशित
बिह्या का गाना को संग्रह-प्रकाशित
पोवारी बोलीमा नाटक-
काकाजी मोरी आयको,समज,नवरान लेयीस, व्यथा, जागृती.
विनोदी संवाद लेखन -
आब जासू. बाचता नही आव,खाजो.
निबंध लेखन .अलक लेखन,असा विविध प्रकारका लेख लिखान करनोमा आया सेती.मराठी मा नक्षत्र काव्य.
गित भिमायण (डॉ बाबासाहेब आंबेडकर) को जिवनपट.एड्स गीतमाला
सामाजिक कार्य राजा भोज कार्यक्रम आयोजन करनो.
शिक्षाक क्षेत्रमा परिक्षक ना 20 सालवरी समिक्षक को कार्य. शिक्षक परिषद गोरेगाव तालुका सचिव .
पारिवारीक.. माहिती दुयटुरा इंजिनिअर पुनामा कार्यारत सेंती .बहू भी इंजिनिअर सेती.
अर्धांगिनी जि .प. गोंदिया मा शिक्षिका से.
कला क्षेत्रमा -बेरुलक कलाकृती तयार करणो
ना लाखुड़ की शिल्प तयार करनो.असो मोरो जिवनपट से. धन्यवाद जी
""जय राजा भोज जय माँ गड़काली""
वाय सी चौधरी
गोंदिया
अज का साहित्यिक कवी:-श्री यादोराव चिंधुलाल चौधरी
लोहा को परिस
नागंर ला हरिस
यादोरावजी खरा
चौधरी परिवार का वारिस
गुण कला का प्रतिनिधि
मन सुमती का संगी
अनंत कला कौशल्य
पूरो जीवन गुणरंगी
कुशलता का हात
बुद्धी वरद वाग्देवी
पोवारी धरोहर
एक नव तेजस्वी कवी
ऋषि तुल्य जीवन
शिक्षाविद महादानी
ज्ञानी कला उपासक
सृजनशील जवानी
समाज शिक्षक
सबका मार्गदर्शक
पोवार इतिहास का
सदा तूमी अग्रशिर्षक
शेषराव वासुदेव येळेकर
मु. सिंदीपार
दि.०८/०७/२१
आदरणीय साहित्यिक:- श्री यादोराव चिंघुलाल चौधरी
यादवराव गुरुजी को
गाव वू डव्वा
गुरुजी को तपलका
पुणीत वहान् हवा
संगीत विशारद
गायन,वादन को छंद
उनकी प्रतिभा की
हवा बहसे शितल मंद
माय बोली की सेवा
बिह्या का गाना
नाटक,कथा,निबंध,पत्र
जतन करिन गाना पुराना
अष्टपैलू व्यक्तिमत्व
बहुआयामी कला
लाकूड पर कारागिरी
जीवन अलबेला
महान कवि,लेखक
सेती कुशल शिल्पकार
घर मा ज्ञान की गंगा
हसतो खेलतो परिवार
मा वाग्देवी को वरदान
पोवारीका धुरकरी
सदा प्रतिभा का रंग बिखारे
तुम्हरी या पिचकारी
शेषराव येळेकर
मु. सिंदीपार
दि. ०८/०७/२१
अज का साहित्यिक कवी:-
श्री यादोराव चिंधुलाल चौधरी
पोवारी बोली इनकी शान
आमरो समूहको सेत मान
संगीत विशारद वय शिक्षक
यादोराव चौधरी उनको नाम
कलागुण आंग सेती सप्तरंग
काष्टशिल्प कौशल्य करसे दंग
सुखी संसार का चार सेती अंग
अर्धांगिनी उनकी सदा रवसे संग
तबला वादक भजनको छंद
काव्य संग्रह उनको गीतगंगा
पोवारी बोलीमा प्रसिद्ध नाटक
मराठी कविताकी बोवसे गंगा
वाणी मधुर सादो रवनोमान
शिक्षिका भार्या संभाळसे कमान
अभियंता दुही टूरा जीवको आधार
बहुला भी मान बेटी को समान
पोवारीको उत्थान, इनको लक्ष
नाव पर सवार भया सब दक्ष
गढकालीको आशीर्वाद रहे सदा
गाठो उत्कर्षका ठेवो सामने अक्ष
सौ छाया सुरेंद्र पारधी
साहित्यिक - श्री. यादोराव चिंधुलाल चौधरी
साहित्यिक , कलागुनी
सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक
चौधरी काकाजी सेती
मोठा समाजसेवक||
विद्याविभूषित काकाजी
गायन वादन का छंदप्रेमी
विद्यादान को कार्यमा
नही करीन देनला कमी ||
पोवारीको उत्थान साठी
पोवारिमा नाटक बनाईन
विनोदी संवाद लेखनलक
सबला काकाजीन हसाईन ||
बेरुकी बनी कलाकृतीन
सबको मनला मोहीस
रसिकवान काकाजी
कलागुनमा सेती रहीस ||
माता गडकालिको हाथ
सदा उनकोपर रहो
पोवारीको विकासका धुरकरी
असाच बन्या तुम्ही रहो ||
सौ उषाताई रहांगडाले
अज का साहित्यिक
श्री यादोराव चिंधुलाल चौधरी
चिंधुलालजी चौधरी का सुपुत्र
चौधरी यादोराव गुरूजी महान,
गायन, वादन, शिल्पकला आवसे
करसेती पोवारी कविता लिखान.
परसगाव डव्वा उनको गाव
मॅट्रिकवोरी गाव मा शिक्षण,
उच्च शिक्षण बी.एस्सी. बी.एड.
लेईन उनन् गोंदिया ठिकाण.
गीतगंगा पहली पोवारी किताब
प्रसिद्ध करीन पचीस साल पूर्व,
पोवारी साती उनको योगदान
ना सहयोग रव्हसे अपूर्व.
काष्ठ शिल्प की सुंदर कला
बिह्या का गाना, नाटक लेखन,
हर कला मा सेती वोय पारंगत
अलक, विनोदी संवाद लेखन.
पवारी साहित्य मंडल का
गोंदिया जिल्हा प्रभारी,
कार्यला तुमर् नमन से
बडभाऊ यादोराव चौधरी.
. . . . . . . . . . - चिरंजीव बिसेन
. . . . . . . . . . . . . . . . गोंदिया
आदरणीय साहित्यिक:- श्री यादोराव चिंघुलाल चौधरी
यादवराव गुरुजी को
गाव वू डव्वा
गुरुजी को तपलका
पुणीत वहान् हवा
संगीत विशारद
गायन,वादन को छंद
उनकी प्रतिभा की
हवा बहसे शितल मंद
माय बोली की सेवा
बिह्या का गाना
नाटक,कथा,निबंध,पत्र
जतन करिन गाना पुराना
अष्टपैलू व्यक्तिमत्व
बहुआयामी कला
लाकूड पर कारागिरी
जीवन अलबेला
महान कवि,लेखक
सेती कुशल शिल्पकार
घर मा ज्ञान की गंगा
हसतो खेलतो परिवार
मा वाग्देवी को वरदान
पोवारीका धुरकरी
सदा प्रतिभा का रंग बिखारे
तुम्हरी या पिचकारी
शेषराव येळेकर
मु. सिंदीपार
अजका साहित्यिक ः
श्री. यादोराव चिंधुलाल चौधरी
अभंग
बाप चिंधुलाल।नाव यादोराव।
डव्वा आय गाव।गुरूजीको।।
पद की निव्रूत्ती।गाव दांडेगाव।
कमाईन नाव।शिक्षाक्षेत्र।।
शिल्पकार मोठा।मोठा ग्यानी ध्यानी।
जीवन से मानी।बहुगुणी।।
विनोदी लेखन।पोवारी नाटक।
लिखाण माफक।संग्रहीत।।
मायबोली सेवा।घडे अविरत।
आये मंग सत।पोवारीमा।।
प्रतिभा का धनी।सुज्ञ अर्धांगिनी।
लिखुसु जिवनी।काकाजीकी।।
गायन वादन।कविता लेखन।
वाचन मनन।छंद सेत।।
सौ.वर्षा पटले रहांंगडाले
गोंदिया
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